रूस के साइबेरिया इलाके में रहने वाली 76 साल की अगाफाया लाइकोवा को दुनिया की सबसे अकेली महिला होने का खिलाब हासिल है। अगाफाया साइबेरिया के एक ऐसे इलाके में रहती हैं जहां से 100 मील के दायरे में कोई इंसान नहीं रहता। अब अगाफाया की मदद के लिए रूस के बिलेनियर एल्युमिनियम टाइकून ओलेगा देरीपास्का आगे आए हैं।

उन्होंने ऐलान किया है कि वे अगाफाया के लिए एक आलीशान घर बनवाएंगे। वहीं स्थानीय प्रशासन भी अब अगाफाया की बढ़ती उम्र के चलते चिंतित है। वहां के लोकल ऑफिस एलेक्जेंडर ने बताया कि अगाफाया घर नहीं छोड़ना चाहती इसलिए उनकी देखलाल के लिए एक नर्स रखने पर भी विचार किया जा रहा है।

वे जिस इलाके में रहती हैं, वहां भेड़िए और भालू भी मौजूद हैं जो अब उनके लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। कभी स्टालिन राज में धार्मिक नरसंहार से डर कर रूस के हजारों परिवार साइबेरिया के जंगलों में रहने चले गए थे। हालांकि भीषण सर्दी के चलते काफी कम लोग ही बच पाए और बाद में शासन बदलने के बाद शहरों को लौट आए। अगाफाया भी इसी दौरान साइबेरिया के जंगलों में पैदा हुई थीं। अगाफाया दुनिया से एकदम कटी हुई हैं और उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध और रूस के पहले मून मिशन के बाद की कोई जानकारी नहीं है।

अगाफाया जहां रहती हैं, वहां सर्दियों में तापमान -50 डिग्री सेंटीग्रेड तक चला जाता है। हालांकि अगाफाया जहां रहती हैं, वहां दुनिया में फैली कई बड़ी बीमारियां अब तक नहीं पहुंच पाई हैं। इससे पहले ओलेगा ने अगाफाया को शहर आने के लिए कहा था। लेकिन उन्होंने इस उम्र में अपने घर को छोड़ने से साफ इंकार कर दिया।

अब सैनिक माउंटसाइड के 150 मील दूर स्थित अगाफाया के घर को ही ओलेगा आधुनिक सुविधाओं से लैस कराने जा रहे हैं। अगाफाया आज भी अपने लिए खुद ही सब्जियां और अनाज उगाती हैं। वे बाइबल के सहारे जिंदगी गुजार रही हैं।

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