देवेन्द्र किशोर ढुंगाना – 18 दिसंबर। त्रिभुवन विश्वविद्यालय के उप कुलपति भवन के आगे त्रिबि आंशिक प्रध्यापकों द्वारा 17 दिसंबर से धरना जारी है। उन लोगों का कहना है कि त्रिभुवन विश्वविद्यालय के आंशिक कैंपस में विगत विक्रम संबंध 2074 साल से अभी तक अध्यापनरत आंशिक प्रध्यापक बौद्धिक शोषण में पड़े हैं ।
यह बात कैंपस प्रमुख ,वैचारी संगठन, त्रिबि के पदाधिकारी तथा त्रिबि एवं नेपाल सरकार सभी जानते हैं। त्रिचंद्र कॉलेज काठमांडू के एक आंशिक ैप्रध्यापक शशि कुमार शर्मा जो आंदोलन परिचालन की प्रमुख है ,उन्होंने बताया कि संबंधित कैंपस से लेकर केंद्र तक के आंशिक प्राध्यापक को अपने पेशागत हक मांग करते हुए बार-बार आंदोलन कर रहे हैं ।यह प्रक्रिया विगत कई वर्षों से चलती आ रही है ।
विगत में विभिन्न समय में तत्कालीन कार्यरत मंत्री उपकुलपति शिक्षाध्यक्ष ,रजिस्ट्रार के साथ बार-बार समझौता के बावजूद भी त्रिभुवन विश्वविद्यालय ने आंशिक प्रध्यापकों के साथ किए गए समझौता को कार्यान्वयन नहीं कर मनमानी तरीके से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि विक्रम संवत 2074 आश्विन 27 में शिक्षा मंत्रालय से गठित वार्ता समिति के संयोजक डॉ डिल्लीराज राज और आंशिक प्रध्यापक संघ के प्रतिनिधि के बीच निष्कर्ष निकाला था ,उनके अनुसार शिक्षा मंत्रालय से विक्रम संवत 2074 आश्विन 27 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पत्राचार कर त्रिभुवन विश्वविद्यालय में कार्यरत 1420आंशिक प्रध्यापको को करार होने की बात हुई थी, इसके लिए आवश्यक आर्थिक स्रोत अर्थ मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय के साथ समन्वय कर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा त्रिभुवन विश्वविद्यालय को निकास देना था किंतु मंत्री स्तरीय निर्णय कार्यान्वयन नहीं किया गया ।
शर्मा ने बताया कि प्रध्यापक के साथ अन्याय कर अतिरिक्त कक्षा व्यवस्थापन निर्देशिका 2077 को खारिज कर सरोकारबालों के साथ चर्चा समन्वय तथा सहमति में नया कार्य विधि जारी करने के लिए आंदोलन जारी है ।
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